Monday, August 13, 2018

sex with neighbour aunty कॉलोनी की आंटी को चोदा (colony ki aunty ko choda)

                                            कॉलोनी की आंटी को  चोदा 

मेरा नाम संस्कार है  और मै पुलिस लाइन की सलोनी में रहता हूँ ,
मैं आज आपको अपनी कहानी सुनाता हूँ ,शाम को सभी आस -पास की औरतें मेरे घर मेरी मम्मी से मिलने आया करतीं थी मेरी मम्मी भी उनके घर जाती थी |   सभी औरतों में से सबसे रंगीन मिजाज में एक आंटी थीं जिनका नाम आशा था वैसे तो उनका रंग गोरा नहीं था पर वो चमकती थी उनका सरीर बहुत हॉट था चूचियां 38 की 
और गांड की तो पूछो ही मत | उनका कोई लड़का या लडकी नहीं थी मैं जब उनको देखता तो मेरा खड़ा होने लगता था | लडको को तो पता ही होगा तारक तो  १२ की उम्र में ही चढ़ जाती है पर मैं तो अब 19 का हो गया था |
मैं जब उनसे बात करता वो अपनी आंखें मुझसे हटाती ही नहीं थीं |
मुझे ही अपनी आंखें  निचे करनी पड़ती थी | एक दिन शाम को सभी औरतों ने फैसला किया की वो कल कहीं घुमने जाएँगी पर आशा आंटी ने मन कर दिया तो सभी ने उन्हें छोड़ कर सस्थ में मेरी मम्मी भी घुमने चली गयीं |
दोपहर के  12:30 हो रहे थे  वो  आई मेरा फिर से खड़ा हो गया इस बार उन्होंने देख लिया क्यूँ की मैंने बुमचुम वाली हाफ पेंट हुआ था फिर क्या था उन्होंने मुझे दखा दिया और हम दोनों ज़मीं पे साथ गिर गये फिर हम दोनों ने बिना कुछ कहे दरवाजा बंद किया |
और सुरु हो गायें उन्होंने झट से मेरा पेंट खोल दिया मैंने भी उनका सूट फाड़ दिया और उनका सलवार निकाला 
आब वो आधी नागी थीं  मैंने उनका ब्रा और पेंटी भी निकला और हम दोनों नागे होकर आपस में चिपक गायें |
उन्होंने कहा मेरी नज़र तुम पे बहुत दिनों से थी |
मैंने कुछ नहीं बोला उनका पेट थोडा निकला हुआ था और वो बहुत मांसल थी पूरा सरीर मुलायम मैंने उनको दोनों हाथों से सामने सटाकर कसके पकड़ लिया और अपना lund घुसाया उनकी चीख निकल गयी पर मैंने दोनों हाथो से उनकी पीठ को पकड़ के उनके सामने से भूखे सांड की तरह चिपका हुआ था अपना पूरा जीभ उनके मुहं मेंघुसाया था उनकी आवाज भी निकला रही थी मैं वैसे ही आधे घंटे तक चिपका फिर उन्होंने ने कहा मैं थक गयी हूँ मुझे  लेटा के चोदो फिर मैंने उन्हें बेड पे लेटाया और मैंने कहा अब मैं आपकी गांड को चोदुंगा 
वो थोडा हिच्किचायीं पर बाद मान गयीं |  उनकी गांड बहुत टाइट थी मैंने जब अपना lund घुसाया वो बहुत तेज चिलायीं और कूदने लगीं पर मैंने उन्हें ऊपर से दबाये रखा वो सिर्फ चिल्ला रहीं थीं मेरा अभी आधा lund ही घुसा था ,फिर मैंने धक्का दिया मेरा पूरा 7 इंच का lund उनकी गांड में वो सिसकियाँ भर रहीं थीं  और बोल रहीं थीं मुझे तुमसे नहीं चुदंवाना चाहिय था पर बाद में उन्हें भी मजा आने लगा और वो कुहद मेरे ऊपर चढ़ गयी जिससे मैं उनकी चूचियां भी चूस पा रहा था | मैंने खूब उनका दूध पिया करीब २ घंटे तक ये खेल हमने खेला | फिर मैंने अपना lund उनके मुह में घुसा दिया | तब तक सबके आने का समय हो गया था | वो अपने घर चली गयीं पर मेरा मन अभी नहीं भरा था |
अगले दिन मैं उनके घर पहुँच गया उन्होंने कहा मेरे गांड का दर्द अभी ठीक नहीं हुआ है मैंने कहा जब चोदने शुरू करूँगा तब सब ठीक हो जायेगा मैंने उनका हाथ पकड़ के अंदर ले गया और उनका सूट खोल दिया और उनका नागा कर दिया वो मन करती रहीं और मैं उनको जोर जोर से चोदता रहा जब मैं उनको लेटा के धक्के मरता उनका पूरा मांसल सरीर हिल जाता और साथ मैं उनकी चूचियां भी मैंने उस दिन १ घटे तक सिर्फ उनकी चूचियां चुशी थी वो भी मजे में चूचियां में चुसवाती थी |
इस तरह मैं उनका दूसरा पति बन गया जो जब चाहे उनको चोद सकता था |/

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